भारत–ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट: एक ऐतिहासिक समझौता जो बदल देगा भारत का वैश्विक व्यापार चेहरा
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🔷 ऐतिहासिक समझौता, नई दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जुलाई 2025 में ब्रिटेन यात्रा के दौरान भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच पहली व्यापक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता, जो 2022 से बातचीत के अधीन था, अब भारत और एक प्रमुख पश्चिमी अर्थव्यवस्था के बीच सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक करार बन चुका है। यह करार न केवल करों में कटौती लाता है, बल्कि व्यापार, निवेश और पेशेवर अवसरों के नए द्वार खोलता है।
🔷 भारतीय बाज़ार में सस्ती होंगी यूके की प्रीमियम चीजें
इस करार के तहत भारत ने कई महंगे ब्रिटिश उत्पादों पर आयात शुल्क में बड़ी कटौती की है।
स्कॉच व्हिस्की और जिन पर अभी तक 150% का शुल्क लगता था, जो अब तुरंत 75% कर दिया जाएगा और अगले 10 वर्षों में धीरे-धीरे 40% तक लाया जाएगा।
इसी तरह, ब्रिटिश कारें और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, जिन पर 100% से अधिक ड्यूटी लगती थी, अब सिर्फ 10% शुल्क के साथ कोटा प्रणाली के तहत भारत आ सकेंगी।
इसके अलावा चॉकलेट, कॉस्मेटिक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सैल्मन फिश और मेडिकल डिवाइसेज़ जैसे कई उपभोक्ता उत्पादों पर भी शुल्क 15% से घटाकर लगभग 3% किया जाएगा, जिससे ये उत्पाद भारत में सस्ते होंगे।
🔷 भारतीय निर्यात को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
इस समझौते से भारत को ब्रिटिश बाज़ार में 99% निर्यात लाइनों पर ज़ीरो टैक्स की सुविधा मिलेगी।
इसका सीधा फायदा टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट्स, फार्मा, लेदर, रत्न-आभूषण, ऑटो पार्ट्स और केमिकल इंडस्ट्री को मिलेगा।
तिरुपुर, सूरत, लुधियाना, कानपुर जैसे एमएसएमई केंद्रों को इस नई सुविधा से जबरदस्त फायदा होगा। भारतीय उत्पाद अब ब्रिटिश बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर पहुंच सकेंगे जिससे रोजगार और उत्पादन दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
🔷 सेवा क्षेत्र और पेशेवरों के लिए सुनहरा मौका
इस समझौते के तहत भारत के आईटी, शिक्षा, हेल्थकेयर, फाइनेंस और कंसल्टेंसी प्रोफेशनल्स को ब्रिटेन में 2 साल तक वीज़ा पर काम करने की सुविधा मिलेगी — वो भी बिना वहां की कंपनी में नियुक्त हुए।
इसके साथ ही, दोनों देशों ने प्रोफेशनल डिग्री की आपसी मान्यता पर सहमति दी है। इसका मतलब, अब भारतीय इंजीनियर, अकाउंटेंट, शेफ और आर्किटेक्ट्स ब्रिटेन में आसानी से काम कर सकेंगे।
एक और बड़ी सुविधा यह है कि भारतीय प्रोफेशनल्स को अब ब्रिटेन की सोशल सिक्योरिटी (National Insurance) में योगदान नहीं देना पड़ेगा यदि वो वहां 3 साल से कम समय के लिए काम कर रहे हैं।
🔷 दोनों देशों को होगा आर्थिक लाभ
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यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक $120 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखता है।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को इससे £4.8 अरब पाउंड का वार्षिक लाभ होने का अनुमान है, जबकि भारत में इससे 100,000 से अधिक नौकरियां बनेंगी।
ब्रिटेन भारत में £6 अरब पाउंड (₹60,000 करोड़) से अधिक का निवेश करने की योजना बना रहा है — खासतौर पर ग्रीन एनर्जी, मैन्युफैक्चरिंग और फिनटेक सेक्टर में।
🔷 रणनीतिक महत्व और आगे की राह
यह समझौता केवल व्यापार तक सीमित नहीं है। यह भारत के "मेक इन इंडिया" और "ग्लोबल साउथ" विज़न को भी मज़बूती देता है।
दूसरी ओर, यह ब्रिटेन के लिए EU के बाहर व्यापारिक संबंध मजबूत करने का एक बड़ा कदम है।
हालांकि, इस करार की अभी दोनों देशों की संसद से स्वीकृति बाकी है। साथ ही, कार्बन टैक्स, डिजिटल डेटा सुरक्षा, इन्वेस्टमेंट प्रोटेक्शन जैसे मुद्दों पर आगे और बातचीत होनी है।
🔷 निष्कर्ष: भारत के लिए एक बड़ा अवसर
भारत–ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारत के लिए सिर्फ एक व्यापार समझौता नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्धी बनने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। इससे न केवल भारत को सस्ते आयात मिलेंगे, बल्कि भारी मात्रा में निर्यात, रोजगार और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे।
यह समझौता दर्शाता है कि भारत अब केवल विकासशील नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने को तैयार है।
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