Independence Day और पतंगबाज़ी: आसमान में आज़ादी के रंग
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भारत
में हर साल 15 अगस्त
को आज़ादी की सालगिरह देशभर
में उत्साह और गर्व के
साथ मनाई जाती है।
परंपरागत रूप से इस
दिन लाल किले से प्रधानमंत्री का
भाषण, राष्ट्रगान, और तिरंगा फहराने
के बाद एक और
नज़ारा देखने लायक होता है
– आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों की उड़ान। यह सिर्फ़
एक खेल नहीं बल्कि
आज़ादी की खुशियों और
देशभक्ति की एक अनोखी
अभिव्यक्ति है।
पतंग
उड़ाने की परंपरा कहाँ-कहाँ खास है?
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हालांकि
पतंगबाज़ी पूरे देश में
होती है, लेकिन कुछ
शहर और राज्य इस
परंपरा के लिए खास
तौर पर मशहूर हैं:
- दिल्ली
(Delhi)
लाल किले के आस-पास और पुरानी दिल्ली के इलाकों में पतंग उड़ाना 15 अगस्त का अहम हिस्सा है। लोग सुबह से शाम तक छतों पर इकट्ठा होकर एक-दूसरे की पतंगें काटने की प्रतियोगिता करते हैं। - लखनऊ
और वाराणसी (Uttar Pradesh)
यूपी के कई शहरों में, खासकर लखनऊ और वाराणसी में, पतंगबाज़ी Independence Day पर एक त्योहार की तरह होती है। यहाँ पतंगों पर देशभक्ति के स्लोगन और तिरंगे के रंग बनाए जाते हैं। - जयपुर,
जोधपुर, और बीकानेर (Rajasthan)
राजस्थान में पतंगबाज़ी का क्रेज़ इतना है कि Independence Day पर स्थानीय स्तर पर पतंग प्रतियोगिताएं भी होती हैं। जयपुर में तो आसमान पूरा रंगीन हो जाता है। - अहमदाबाद
और सूरत (Gujarat)
गुजरात वैसे तो उत्तरायण (Makar Sankranti) पर पतंगों के लिए मशहूर है, लेकिन 15 अगस्त को भी लोग पतंग उड़ाकर आज़ादी का जश्न मनाते हैं। - मुंबई
और पुणे (Maharashtra)
मुंबई में समुद्री हवा के बीच छतों और बीच किनारे पतंग उड़ाना लोगों के लिए डबल मस्ती का मौका बन जाता है।
इस
परंपरा की खासियत
- देशभक्ति
की भावना – तिरंगे रंग की पतंगें और देशभक्ति के नारे लिखी पतंगें लोगों को आज़ादी के महत्व की याद दिलाती हैं।
- सामूहिक
उत्सव
– परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिलकर पतंग उड़ाना एक सामूहिक जश्न का रूप ले लेता है।
- रंगों
का त्योहार – आसमान में सैकड़ों रंग-बिरंगी पतंगें एक खूबसूरत नज़ारा पेश करती हैं।
- मित्रवत
प्रतियोगिता
– "पेच लड़ाना" यानी एक-दूसरे की पतंग काटने की होड़ भी इस दिन की खास पहचान है।
निष्कर्ष
Independence Day पर पतंग उड़ाना
केवल एक खेल नहीं,
बल्कि आज़ादी का रंगीन उत्सव
है। यह परंपरा लोगों
को जोड़ती है, एकजुटता और
देशभक्ति की भावना को
और मजबूत करती है। जब
तिरंगा लहराता है और पतंगें
आसमान में ऊँची उड़ती
हैं, तो यह केवल
जश्न का नज़ारा नहीं,
बल्कि आज़ाद भारत की उड़ान
का प्रतीक है।
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